IGNOU BHDC 110 हिन्दी कहानी Previous Year Question Paper Pdf Download : BHDC 107 June 2025 Question Paper Pdf
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बी. ए. (ऑनर्स) हिन्दी
(बी. ए. एच. डी. एच.)
सत्रांत परीक्षा जून, 2025
बी.एच.डी.सी.-110: हिन्दी कहानी
समय : 3 घण्टे अधिकतम अंक : 100
नोट : कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रथम प्रश्न अनिवार्य है। शेष में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
1. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन की सप्रसंग व्यख्या कीजिए :
(अ) चार दिन तक पलक नहीं झेंपो। बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही। मुझे तो संगीन चढ़ाकर मार्च का हुक्म मिल जाए।
फिर सात जर्मनों को अकेला मारकर न लौटूं तो मुझे दरबार साहब की देहली पर मत्था टेकना नसीब न हो।
(ब) उसने जाकर आले पर से रुपये निकाले और लाकर हल्कू के हाथ पर रख दिए। फिर बोली-तुम छोड़ दो अबकी से खेती। मजूरी में सुख से एक रोटी तो खाने को मिलेगी। किसी की धौंस तो न रहेगी। अच्छी खेती है! मजूरी करके लाओ, वह भी उसी में झोंक दो, उस पर धौंस।
हल्कू ने रुपये लिए और इस तरह बाहर चला मानो अपना हृदय निकालकर देने जा रहा हो।
(स) अपनी वस्तु की दूसरे के मख से प्रशंसा सुनने के लिए उनका हृदय अधीर हो गया। घोड को खोलकर बाहर गए। घोड़ा वायु-वेग से उड़ने लगा। उसकी चाल को देखकर खड़ग सिंह के हृदय पर साँप लोट गया। वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर वह अपना अधिकार समझता था। उसके पास बाहुबल था और आदमी भी। जाते-जाते उसने कहा, “बाबा जी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा”।
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(द) मेरे मन में उस समय तरह-तरह के सिद्धांत आए। मैंने स्थिर किया कि अपराध के प्रति करुणा ही होनी चाहिए, रोष का अधिकार नहीं है। प्रेम से ही अपराध वृत्ति को जीता जा सकता है। आतंक से उसे दबाना ठीक नहीं है। बालक का स्वभाव कोमल होता है और सदा ही उससे स्नेह से व्यवहार करना चाहिए। मैंने कहा कि बेटा आशुतोष तुम घबराओ नहीं। सच कहने में घबराना नहीं चाहिए। ली हो तो खुलकर कह दो बेटा! हम कोई सच कहने की सजा थोड़ी ही दे सकते हैं। बल्कि सच बोलने पर इनाम मिला करता है।
(य) वह घर में समय बिताने के लिए संगीत और चित्रकला का अभ्यास करती थी। हम लोग पहुँचते तो उसके कमरे से सितार की आवाज आ रही होती या वह रंग और कूचियाँ लिए किसी तस्वीर में उलझी होती। मगर जब वह इन दोनों में से कोई भी काम न कर रही होती तो अपने तख्त पर बिछे मुलायम गद्दे पर दो तकियों के बीच लेटी छत को ताक रही होती। उसके गद्दे पर जो झीना रेशमी कपड़ा बिछा रहता था, उसे देखकर मुझे बहुत चिढ़ होती थी।
2. ‘परिंदे’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
3. ‘मिस पाल’ कहानी के आधार पर महानगरीय जीवन की यांत्रिकता की चर्चा कीजिए।
4. ‘तीसरी कसम’ कहानी के परिप्रेक्ष्य में आंचलिक लोक जीवन में आचरण की मर्यादा कैसे निर्धारित की जाती है ? विवेचन कीजिए।
5. खड़ग सिंह घोड़े को क्यों लौटा देता है ? इसकी विवेचना कीजिए।
6. ‘पूस की रात’ कहानी को यथार्थवादी कहानी क्यों कहा गया है ? सोदाहरण विवेचना कीजिए।
7. विमर्शों के सन्दर्भ में हिंदी कहानी की विस्तृत चर्चा कीजिए।
8. हिन्दी कहानी के विभिन्न आंदोलनों पर प्रकाश डालिए।
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