Class 11 Chemistry Chapter 2 Notes Download PDF : नमस्कार प्रिय विद्यार्थियों, आज हम कक्षा 11 के विषय रसायन विज्ञान के सभी पाठ के हिंदी माध्यम के नोट्स देखने वाले है। जो आपकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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Class 11 Chemistry Chapter 2 Notes in Hindi NCERT Based
परमाणु की संरचना
- विलियम क्रुक्स तथा जेजे थॉमसन के द्वारा कैथोड किरणों की खोज की गई।
- गोल्डस्टीन के द्वारा धन किरणों की खोज की गई।
- रदरफोर्ड के द्वारा नाभिक की खोज की गई।
कैथोड किरणों की गुण क्या है ?
- यह ऋणावेशित होती है।
- यह ऋणावेशित कणों से मिलकर बनी होती हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन कहते हैं।
- यह किरणें प्रकाश की भांति सीधी रेखा में गति करती हैं।
- कैथोड किरणों में द्रव्यमान होता है।
- कैथोड किरणों में आयनन क्षमता होती है।
- उच्च गलनांक की धातु से टकराकर ये एक्स किरणें उत्पन्न करती हैं।
- यह फोटोग्राफिक प्लेट को प्रभावित करती हैं।
- यह किरणे धातु की पतली पन्नी को भेदकर आर पार निकल जाती हैं।
- इनमें गतिज ऊर्जा होती है।
- यह किरणें विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र में अपने पथ से विचलित हो जाती हैं।
एनोड किरणों के गुण क्या है ?
- यह धन आवेशित कणों से मिलकर बनी होती है जिन्हें रदरफोर्ड ने प्रोटॉन कहा।
- यह सदैव सीधी रेखा में चलती है।
- इनमें द्रव्यमान होता है।
- इनमें गतिज ऊर्जा होती है।
- यह फोटो ग्राफिक प्लेट को प्रभावित करती हैं।
- यह विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र में अपने मार्ग से विचलित हो जाती हैं।
परमाणु क्रमांक किसे कहते हैं ?
किसी तत्व के नाभिक में उपस्थित कूल प्रोटॉन की संख्या, उस तत्व की परमाणु क्रमांक को प्रदर्शित करते हैं।
परमाणु क्रमांक = प्रोटॉन की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या
द्रव्यमान संख्या किसे कहते हैं ?
द्रव्यमान संख्या किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्याओं के योग को उसे परमाणु की द्रव्यमान संख्या कहते हैं।
न्यूक्लीयान किसे कहते हैं ?
किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या के योग को न्यूक्लियान कहते हैं।
समस्थानिक किसे कहते हैं ?
शब्द समस्थानिक का प्रयोग सर्वप्रथम सोडी ने किया था, जिसका अर्थ सम स्थान है क्योंकि समस्थानिक आवर्त सारणी में एक ही स्थान पर रखी गए हैं।
- समस्थानिक एक तत्व के वे भिन्न भिन्न परमाणु है, जिनकी द्रव्यमान संख्याएं भिन्न-भिन्न होती हैं।
- समस्थानिक में प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्याएं तो समान होती है किंतु न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
- इलेक्ट्रॉन की संख्या समान होती है इसलिए इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा रासायनिक गुण समान होते हैं किंतु नाभिकीय कणों की संख्या भिन्न-भिन्न होने के कारण नाभिकीय गुण भिन्न-भिन्न होते हैं।
- द्रव्यमान संख्याएं भिन्न-भिन्न होने के कारण इनके भौतिक गुण भिन्न-भिन्न होती हैं।
- इनकी रासायनिक संक्रियताएं भिन्न भिन्न होती हैं।
- किसी तत्व से एक अल्फा तथा दो बीटा कणों के उत्सर्जन से इसका समस्थानिक प्राप्त होता है।
समभारी किसे कहते हैं ?
भिन्न तत्वों के वे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है, समभारी कहलाते हैं।
- सम भारी में न्यूक्लिआनो की कुल संख्या समान होती है, किंतु प्रोटॉन व न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
- समभारी के भौतिक रासायनिक तथा नाभिकीय गुण भिन्न भिन्न होते हैं।
- आवर्त सारणी में इनका भिन्न-भिन्न स्थान होता है।
- किसी नाभिक में बीटा उत्सर्जन के पश्चात बना उत्पादन मातृ नाभिक का समभारी कहलाता है।
सम न्यूट्रॉनिक किसे कहते हैं ?
वे नाभिक जिनमे न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है सम न्यूट्रॉनिक कहलाते हैं।
बोहर का परमाणु मॉडल क्या है ?
डेनिस भौतिक शास्त्री नील्स बौहर ने रदर फोर्ड द्वारा प्रस्तुत नाभिकीय मॉडल के देशों की व्याख्या करते हुए प्लांक की क्वांटम सिद्धांत के आधार पर अपनी परमाणु मॉडल की व्याख्या की।
- परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर बंद वृत्तीय कक्षाओं में घूमते हैं।
नाभिक के चारों ओर अनेक वृत्तीय कक्षाएं होती हैं परंतु इलेक्ट्रॉन केवल उन्हीं कक्षाओं में घूमते हैं जिनमें उन्हें उनका कोणीय संवेग h/2π का पूर्ण गुणित होता है। - प्रत्येक कक्षा का एक निश्चित ऊर्जा होती है अतः इन कक्षाओं को ऊर्जा स्तर कहते हैं इन कक्षाओं में घूमते हुए इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा स्थिर रहती है जिसके कारण इन कक्षाओं को स्थायी कक्षा भी कहते हैं।
- नाभिक से दूर होने पर कक्षाओं का ऊर्जा स्तर बढ़ जाता है।
- इन कक्षाओं को नाभिक से क्रमशः K,L,M,N कक्षा नाम दिया जाता है।
- जब तक इलेक्ट्रॉन एक निश्चित ऊर्जा स्तर की स्थायी कक्षा में घूमता रहता है तब तक वह ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन नहीं करता है।
- ऊर्जा उत्सर्जन के फल स्वरूप प्राप्त उत्सर्जन स्पेक्ट्रम में निश्चित आवृत्ति की रेखाएं उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार यह मॉडल परमाणु की रैखिक स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है।
बोहर की परमाणु मॉडल की क्या कमियां थी ?
बोहर की परमाणु मॉडल में निम्नलिखित कमियां थी-
- बोहर का परमाणु मॉडल केवल एक इलेक्ट्रॉन वाले परमाणु आयनो के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है, यह एक से अधिक इलेक्ट्रॉन वाले परमाणुओं या आयनो की व्याख्या नहीं करता है।
- यह मॉडल बहू इलेक्ट्रॉन परमाणुओं में दो इलेक्ट्रोनिक के बीच के प्रतिकर्षण के बारे में कोई जानकारी नहीं देता।
- बोहर का परमाणु मॉडल डी ब्रोग्ली के सिद्धांत के बारे में कोई जानकारी नहीं देता, जबकि बोहर ने डी ब्रोग्ली के सिद्धांत से प्रतिपादित परिणाम ( बंद कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग h/2π का पूर्ण गुणज होता है ) की कल्पना पहले ही कर ली थी।
- बोहर का परमाणु मॉडल हाइजेन बर्ग के अनिश्चितता के सिद्धांत की विरुद्ध था।
- जिस परमाणु में विकरण का उत्सर्जन हो रहा है, उसे परमाणु को चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर उसकी स्पेक्ट्रम रेखाएं विभक्त हो जाती हैं,इस प्रकार स्पेक्ट्रम रेखाओं का चुंबकीय क्षेत्र में विभक्त होना जीमान प्रभाव कहलाता है इसी प्रकार विद्युत क्षेत्र में स्पेक्ट्रम रेखाओं में विभक्त का होना स्टार्क प्रभाव कहलाता है।
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