IGNOU BHDE 143 प्रेमचंद Previous Year Question Paper Pdf Download : BHDE 143 June 2025 Question Paper Pdf
Here you can download ignou Bhde 143 important questions pdf download Bhde 142 important questions pdf Bhde 143 important questions and answers BHDE -143 Question Paper June 2025
Read More : BHDLA 134 Solved Assignment 2024-25
स्नातक उपाधि कार्यक्रम
(सी. बी. सी. एस.) (बी. ए. जी.)
सत्रांत परीक्षा जून, 2025
बी. एच. डी. ई.-143 : प्रेमचंद
समय : 3 घण्टे अधिकतम अंक: 100
नोट : कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रथम प्रश्न अनिवार्य है। शेष में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1. निम्नलिखित गद्यांशों में से किन्हीं तीन की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
(क) घर की लड़ाई से उनका हृदय काँपता था, पर यह चोट न सही गई। बोले-तुम क्या चाहती हो कि सदन के लिए मास्टर न रखा जाए
और वह यों ही अपना जीवन नष्ट करें ? चाहिए तो यह था कि तुम मेरी सहायता करती, उलटे और जी जला रही हो। सदन मेरे उसी भाई का
लड़का है, जो अपने सिर पर आटे-दाल की गठरी लादकर मुझे स्कूल में दाखिल कराने आये थे। मुझे वह दिन भूले नहीं हैं। उनके उस प्रेम
का स्मरण करता हूँ तो जी चाहता है कि उनके चरणों पर गिरकर घण्टों रोऊं। तुम्हें अब अपने रोशनी और पंखे के खर्च में, पान-तम्बाकू के
खर्च में, घोड़े-साईस के खर्च में किफायत करना भारी मालूम होता है, किन्तु भैया मुझे वार्निश वाले जूते पहनाकर आप नंगे पाँव रहते थे।
(ख) सुधार की जिस अवस्था में वह हो, उससे अच्छी अवस्था आने की प्रेरणा हर आदमी में मौजूद रहती है। हममें जो कमजोरियाँ हैं वह
मर्ज की तरह हमसे चिमटी हुई हैं। जैसे शारीरिक स्वास्थ्य एक प्राकृतिक बात है और रोग उसका उल्टा उसी तरह नैतिक और मानसिक
स्वास्थ्य भी प्राकृतिक बात है और हम मानसिक तथा नैतिक गिरावट से उसी तरह संतुष्ट नहीं रहते, जैसे कोई रोगी अपने रोग संतुष्ट नहीं
रहता।
Bhde 143 paper june 2025 with answers
(ग) मीर साहब की बेगम किसी अज्ञात कारण से मीर साहब के घर से दूर रहना ही उपयुक्त समझती थीं। इसलिए वह उनके शतरंज प्रेम
की कभी आलोचना न करती थीं, बल्कि कभी-कभी मीर साहब को देर हो जाती, तो याद दिला देती थीं। इन कारणों से मीर साहब को भ्रम
हो गया था कि मेरी स्त्री अत्यंत विनयशील और गंभीर है। लेकिन जब दीवानखाने में बिसात बिछने लगी और मीर साहब दिन-भर घर में
रहने लगे, तो बेगम साहिबा को बड़ा कष्ट होने लगा। उनकी स्वाधीनता में बाधा पड़ गई। दिन-भर दरवाजे पर झाँकने को तरस जातीं।
(घ) बड़ी-बड़ी इमारतें आने लगीं; यह अदालत है, यह कांलेज है, यह क्लब-घर है। इतने बड़े कांलेज में कितने लड़के पढ़ते होंगे ? सब
लड़के नहीं हैं जी! बड़े-बड़े आदमी हैं। सच! उनकी बड़ी-बड़ी मूँछे हैं। इतने बड़े हो गये, अभी तक पढ़ने जाते हैं। न जाने कब तक पढ़ेंगे
और क्या करेंगे इतना पढ़कर! हामिद के मदरसे में दो-तीन बड़े-बड़े लड़के हैं, बिल्कुल तीन कौड़ी के रोज मार खाते हैं, काम से जी चुराने
वाले। इस जगह भी उसी तरह के लोग होंगे और क्या। क्लब-घर में जादू होता है।
2. प्रेमचंद के उपन्यासों की विशेषताएँ बताइए।
3. ‘सेवासदन’ की कथावस्तु के विविध चरणों का विश्लेषण कीजिए।
4. ‘सुमन’ की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
5. ‘पूस की रात’ कहानी के संरचना शिल्प का विवेचना कीजिए।
6. ‘ईदगाह’ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
7. ‘दो बैलों की कथा’ कहानी के परिवेश की विशिष्टताएँ बताइए।
8. निम्नलिखित विषयों में से किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखिए :
(क) ‘प्रेमाश्रय’ उपन्यास
(ख) ‘शांता’ का चरित्र
(ग) ‘साहित्य का उद्देश्य’ का सार
(घ) ‘पूस की रात’ के शीर्षक की उपयुक्तता
IGNOU Official Website : Click Here