IGNOU BHDC 103 आदिकालीन एवं मध्यकालीन हिन्दी कविता Previous Year Question Paper Pdf Download : BHDC 103 June 2025 Question Paper Pdf
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बी. ए. (ऑनर्स) हिन्दी
(बी. ए. एच. डी. एच.)
सत्रांत परीक्षा जून, 2025
बी.एच.डी.सी.-103 आदिकालीन एवं मध्यकालीन हिन्दी कविता
समय: 3 घण्टे अधिकतम अंक:100
नोट : कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। पहला प्रश्न अनिवार्य है।
1. निम्नलिखित काव्यांशों में से किन्हीं तीन की सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) माधव, तोहें जनु जाह विदेस।
हमरो रंग रभस लए जएबह
लएबह कौन संदेश ॥
बनहि गमन करु होएति दोसर मति
बिसरि जाएब पति मोरा।
हीरा मनि मानिक एको नहिं माँगब
फेरि माँगब पहु तोरा ॥
जखन मगन करु नयन नीर भरु
देखहु न भेल पहु ओरा।
(ख) दुलहनीं गाबहु मंगलचार।
हम घरि आये हो राजा राम भरतार ॥
तन रत करि मैं मन रति करि, पंचतत्व बराती।
रामदेव मोरे पाँहुनै आये, मैं जोबन मैं माती।
सरीर सरोबर बेदी करिहूँ ब्रह्म वेद उचार।
रामदेव संगि भाँवरि लैंहुँ, धनि धनि भाग हमार॥
सुर तेतीसूँ कौतिक आये, मुनियर सहस अठ्यासी।
कहैं कबीर हम ब्याहि चले, पुरिष एक अनिवासी ॥
(ग) सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा।
गावहिं मुनि पुरान बुध बेदा ॥
अगुन अरूप अलख अज जोई।
भगत प्रेम बस सगुन सो होई ॥
जो गुन रहित सगुन सोइ कैसें।
जलु हिम उपल बिलग नहीं जैसे ॥
जासु नाम भ्रम तिमिर पतंगा।
तेहि किमि कहिअ बिमोह प्रसंगा ॥
(घ ) हीन भएं जल मीन अधीन कहा कछु मो अकुलानि समानै।
नीरसनेही कों लाय कलंक निरास हवै कायर त्यागत प्रानै।
प्रीति की रीति सु क्यों समुझे जड़, मीत के पानि परै कों प्रमानै।
या मन की जु दसा, घनआनंद जीव की जीवनि जान ही जानै ॥
(ङ ) रोटी न पेट में हो तो फिर कुछ जतन न हो।
मेले की सैर ख्वाहिशे बागो चमन न हो।
भूके गरीब दिल की खुदा से लगन न हो।
सच है कहा किसी ने कि भूके भजन न हो।
अल्लाह की भी याद दिलाती हैं रोटियाँ ॥
Bhdc 103 paper june 2025 with answers
2. अमीर खुसरो की मकरियों की विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए।
3. विद्यापति के काव्य-सौंदर्य के विविध पक्षों को रेखांकित कीजिए।
4. जायसी के काव्य में चित्रित लोकजीवन के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
5. तुलसीदास की भक्ति के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
6. सूरदास की भक्ति की विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
7. ‘रामचरितमानस’ के महत्व पर प्रकाश डालिए।
8. घनानंद के काव्य के रूप पक्ष को उद्घाटित कीजिए।
9. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए :
(क) सूरदास का वात्सल्य वर्णन
(ख) विद्यापति के काव्य में श्रृंगार
(ग) मीराबाई की विद्रोही चेतना
(घ) नज़ीर की लोकधर्मिता
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