कक्षा 12वीं भौतिक विज्ञान 25 महत्वपूर्ण प्रश्न

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Q.1 आवेश संरक्षण का सिद्धांत क्या है ?

 

आवेश संरक्षण का सिद्धांत

                                    इस सिद्धांत के अनुसार किसी निकाय का कुल आवेश सदैव नियत रहता है अर्थात आवेश को ना तो नष्ट किया जा सकता है ना ही उत्पन्न किया जा सकता है जबकि आवेशित कणों को नष्ट जा उत्पन्न किया जा सकता है, यह सिद्धांत भौतिक, रासायनिक अथवा नाभि किय सभी प्रकार की अभिक्रिया में सत्य होता है।

Q.2 आवेश के क्वांटीकरण को परिभाषित कीजिए

 

आवेश का क्वांटीकरण – 

                                 किसी वस्तु पर आवेश सदैव एक निश्चित मान के पूर्ण गुणज के रूप में ही होता है इसे ही आवेश का क्वांटम कहते हैं यह निश्चित मान इलेक्ट्रॉन का आवेश है इसे मूल आवेश कहते हैं मूल आवेश को e से प्रदर्शित करते हैं।
 
अतः किसी वस्तु पर आवेश +1e, +2e,….

q = ne 

 

Q.3 कूलांब का नियम क्या है ?

 

कूलांब का नियम

                        किन्ही दो फिर बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला स्थिर वैद्युत आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल उन दोनों आवेशों के परमाणु के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती एवं उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती  होता है।
 

Q.4 किसी माध्यम की विद्युतशीलता क्या है ?

 
किसी माध्यम की विद्युतशीलता माध्यम का वह गुण है जो उस माध्यम में स्थित आवेशों के बीच लगने वाले बल को प्रभावित करती है माध्यम की विद्युतशीलता जितनी कम होगी आवेश के बीच बल उतना ही अधिक होगा।
 

परावैद्युतांक या आपेक्षिक विद्युतशीलता –

‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ किसी माध्यम की विद्युतशीलता तथा निर्वात की विद्युतशीलता के अनुपात को आपेक्षिक विद्युतशीलता कहते हैं इसे K से प्रदर्शित करते हैं।
 

कूलाम के नियम की सीमाएं

 

  • यह सिर्फ बिंदु आवेशों के लिए ही सत्य है।
  • यह सिर्फ स्थिर आवेशों के लिए ही सत्य है।
  • बड़े आकार की आवेशों के दो भागों के बीच लगने वाला बल इससे ज्ञात नहीं किया जा सकता।

 

Q.5 वैद्युत क्षेत्र को परिभाषित कीजिये 

 

वैद्युत क्षेत्र –

               किसी आवेश की चारों ओर का वह क्षेत्र इसमें कोई अन्य आवेश लाने पर उस पर आकर्षण एवं प्रतिकर्षण बल कार्य करता है वैद्युत क्षेत्र कहलाता है, किसी स्थान पर विद्युत क्षेत्र का प्रमाण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता से एवं दिशा वैद्युत बल रेखाओं की सहायता से व्यक्त की जाती है
 

Q.6 वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता से आप क्या समझते हैं ? इसका मात्रक भी लिखिए।

 

वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता

                               किसी वैद्युत क्षेत्र में स्थित एकांक परिक्षण धन आवेश पर लगने वाले वैद्युत बल को उस स्थान पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं इसे E से प्रदर्शित करते हैं।
 
यही एक सदिश राशि है इसकी दिशा परीक्षण धन आवेश पर लगने वाले बल की दिशा में होती है 
 
इसका मात्रक न्यूटन प्रति कूलांब अथवा वोल्ट प्रति मीटर होता है।

Q.7 विद्युत बल रेखाएं क्या है ?

 

विद्युत बल रेखाएं

                         किसी एक समान विद्युत क्षेत्र में स्वतंत्रता पूर्वक छोड़ा गया परीक्षण धन आवेश जिस पथ का अनुसरण करता है, उसे वैद्युत बल रेखा कहते हैं ।
 
वैद्युत बल रेखा की किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।
 
विद्युत बल रेखाओं के गुण –
  • यह धन आवेश से प्रारंभ होकर डावेस पर समाप्त हो जाती हैं।
  • दो वैद्युत बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को प्रतिचेद्द नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा होने पर प्रतिच्छेद बिंदु पर  विद्युत क्षेत्र की दो दिशाएं उत्पन्न हो जाएंगी जो कि संभव नहीं है।
  • विद्युत बल रेखाएं सदैव निषकोण होती हैं।
  • विद्युत बल रेखाएं सदैव खुला वक्र बनाती हैं।
  • विद्युत बल रेखाएं समविभव पृष्ठ की लंबवत होती है।

Q.8 वैद्युत द्विध्रुव क्या है ?

 
वैद्युत द्विध्रुव –
                   समान परिमाण किंतु विपरीत प्रकृति के दो आवेश अत्यंत अल्प दूरी पर स्थित हो तो ऐसे निकाय को वैद्युत द्विध्रुव कहते हैं। जैसे HCl , HBr , H2O एवं अन्य सभी ध्रुवीय सहसंयोजक योगिक 
 
वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण –
                             द्विध्रुव के किसी एक आवेश की परिमाण तथा उनकी बीच की दूरी के गुणनफल को वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं।
 
p = q.2l
 
यही एक सदिश राशि है । 
इसकी दिशा ऋण आवेश से धन आवेश की ओर होती है।
 
Q.9 वैद्युत फ्लक्स को परिभाषित कीजिए ।
 
वैद्युत फ्लक्स –
                    किसी पृष्ठ के एकांक क्षेत्रफल से अभिलंबवत गुजरने वाली विद्युत बल रेखाओं की संख्या को वैद्युत फ्लक्स कहते हैं इसे ¢ से प्रदर्शित करते हैं
 
¢ = EAcos0
 
Q.10 गौस की प्रमेय का कथन लिखिए ।
 
गौस की प्रमेय –
                     किसी बंद पृष्ठ से बध्द संपूर्ण वैद्युत फ्लक्स पृष्ठ के भीतर स्थित आवेश का 1/€ गुना‌ होता है।
 
Q.11 वैद्युत विभव क्या है ? इसका मात्रक भी लिखिए।
 
वैद्युत विभव –
                   एकांक आवेश को अनंत से वैद्युत क्षेत्र के भीतर किसी बिंदु तक लाने में जो कार्य किया जाता है उसे उस बिंदु का वैद्युत विभव कहते हैं।
 
इसे V से प्रदर्शित करते हैं
 
इसका मात्रक जूल प्रति कूलाम या वोल्ट होता है।
 
यह एक अदिश राशि है
 
वैद्युत विभांतर –
                       किसी एकांक परिक्षण धन आवेश को वैद्युत क्षेत्र में दो बिंदुओं के बीच गति कराने में जो कार्य करना पड़ता है उसे वैद्युत विभांतर कहते हैं।
 
Q.12 समविभव पृष्ठ को परिभाषित कीजिए।
 
समविभव पृष्ठ
                     किसी वैद्युत क् क्षेत्र में स्थित वह पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिंदु पर विभव एक समान होता है।
 
Q.13 वैद्युत स्थितिज ऊर्जा क्या है ?
 
वैद्युत स्थितिज ऊर्जा –
             ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ आवेशों की किसी निकाय को बनाने में आवेशों को अनंत से उनकी स्थितियों तक लाने में वैद्युत बल के विरुद्ध जो कार्य करना पड़ता है वही कार्य उस निकाय में स्थिति ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है उसे निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
 
Q.14 वैद्युत धारिता को परिभाषित कीजिए ।
 
वैद्युत धारिता –
                    किसी चालक के आवेश को धारण करने की क्षमता वैद्युत धारिता कहलाती है।
 
किसी चालक को दिए गए आवेश एवं इसके विभव में वृद्धि के अनुपात को वैद्युत धारिता कहते हैं इसे C से प्रदर्शित करते हैं।
 
इसका मात्रक कूलाम प्रति वोल्ट अथवा फैरड होता है
 
Q.15 संधारित्र क्या है यह किस सिद्धांत पर कार्य करता है ?
 
संधारित्र
             यह एक ऐसी युक्ति है जिसमें चालक के आकार में परिवर्तन किए बिना आवेश की पर्याप्त मात्रा संचित की जा सकती है।
 
सिद्धांत – 
 ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ यदि किसी आवेशित चालक के निकट कोई अन्य चालक रखकर उसे पृथ्वी से संबंधित कर दिया जाए तो आवेशित चालक का विभव कुछ कम हो जाता है।
 
Q.17 विद्युत धारा को परिभाषित कीजिए ।
 
विद्युत धारा –
                   आवेश की गति की अवस्था को विद्युत धारा कहते हैं।
 
किसी चालक से  एकांक समय में प्रवाहित आवेश की मात्रा को विद्युत धारा कहते हैं इसे i से प्रदर्शित करते हैं
 
i = q/t
 
Q.18 इलेक्ट्रॉन के अनुगमन वेग को परिभाषित कीजिए
 
अनुगमन वेग
                    जब चालक के सिरों पर बैटरी जोड़ दी जाती है तो मुक्त इलेक्ट्रॉन एक नियत वेग से चालक के भीतर ऋण से धन विभव की ओर गति करने लगते हैं इस नियत वेग को अनुगमन वेग कहते हैं।
 
माध्य मुक्त पथ
                      गति करते हुए इलेक्ट्रॉन अन्य इलेक्ट्रॉनों से एवं धातु के धन आयनों से टकराते रहते हैं दो क्रमागत टक्कर के बीच की औसत दूरी माध्य मुक्त पथ कहलाती है।
 
श्रांति काल
                  दो क्रमागत टक्कर  के बीच का औसत समय अंतराल श्रांति काल कहलाता है।
 
विद्युत प्रतिरोध –
                      किसी चालक के सिरों पर लगाए गए विभवांतर एवं उसमें प्रवाहित धारा के अनुपात को विद्युत प्रतिरोध कहते हैं इसे R से प्रदर्शित करते हैं।
 
चालकत्व –
                प्रतिरोध के व्युत्क्रम को चालकत्व कहते हैं।
 
विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता –
                                                    किसी चालक की एकां लंबाई एवं एकांक अनुप्रस्थ परिच्छेद के तार के प्रतिरोध को चालक के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं।
 
Q.19 ओम का नियम क्या है? यह किन किन परिस्थितियों में लागू होता है ?
 
ओम का नियम  –
                        यदि चालक की भौतिक अवस्था ( ताप आकार ) आदि परिवर्तित न की जाए तो उसके सिरों पर लगाए गए विभवांतर तथा प्रवाहित धारा का अनुपात एक नियतांक होता है।
 
Q.20 धारा घनत्व को परिभाषित कीजिए 
 
धारा घनत्व –
              ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ किसी चालक के प्रति एकांक क्षेत्रफल से अभीलंबवत प्रवाहित धारा , धारा घनत्व कहलाता है इसे j  प्रदर्शित करते हैं यह एक सदिश राशि है इसका मात्रक एंपियर प्रति मीटर² होता है।
 
Q.21 ओमीय तथा अनओमीय परिपथ क्या है?
 
ओमीय तथा अनोमीय परिपथ
                                           वे परिपथ जो ओम के नियम का पालन करते हैं उन्हें ओमीय परिपथ कहलाते हैं
 
वे परिपथ जो ओम के नियम का पालन नहीं करते हैं अनोमीय परिपथ कहलाते हैं।
 
Q.22 किसी सेल का विद्युत वाहक बल क्या होता है ?
 
सेल का विद्युत वाहक बल –
             ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ एकांक आवेश को सेल सहित पूरे परिपथ में प्रवाहित कराने में सेल द्वारा किया गया कार्य विद्युत वाहक बल कहलाता है इसे  E प्रदर्शित करते हैं।
 
E = W/q
 
Q.23 सेल का आंतरिक प्रतिरोध क्या है ?
 
सेल का आंतरिक प्रतिरोध –
                           ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ ‌ ‌‌ सेल के विद्युत अपघटन द्वारा धारा के मार्ग में डाली गई रुकावट सेल का आंतरिक प्रतिरोध कहलाती है इसे r से प्रदर्शित करते हैं।
 
Q.24 किरचॉफ के दोनों नियम को स्पष्ट कीजिए ।
 
किरचॉफ के नियम –
                            किरचॉफ ने विद्युत परिपथ संबंधी निम्नलिखित दो नियम दिए जिसकी सहायता से जटिल से जटिल विद्युत परिपथो को भी हल किया जा सकता है।
 

  • किरचॉफ का प्रथम नियम /धारा का नियम/संधि का नियम –

                                इस नियमानुसार किसी परिपथ की किसी संधि पर मिलने वाली समस्त धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
 

  • किरचॉफ का द्वितीय नियम/वोल्टता का नियम –

 
इस नियमानुसार किसी परिपथ के किसी बंद पास में समस्त विभांतरों का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
 
विभवमापी की वोल्ट मीटर पर श्रेष्ठता –
                                                     वोल्ट मीटर परिपथ से कुछ ना कुछ धारा ले लेता है जिसके कारण इसके द्वारा मापा गया विभव वास्तविक मान से कुछ कम होता है जबकि विभवमापी शून्य विक्षेप की स्थिति में विभांतर अथवा विद्युत वाहक बल मापता है अतः परिपथ से धारा ना लेने के कारण इसके द्वारा ली गई माप वोल्ट मीटर की तुलना में अधिक शुद्ध होती है।

 

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न –

  1. कार्य फलन किसे कहते हैं ? इसका मात्रक क्या होता है ?
  2. रदरफोर्ड की परमाणु मॉडल की कमियां लिखिए ?
  3. यदि एक परमाणु की मूल ऊर्जा स्तर की ऊर्जा – 54.4 इलेक्ट्रॉन वोल्ट (ev) है तब इसका आयनन विभव ज्ञात कीजिए।
  4. नाभिक के द्रव्यमान संख्या से क्या तात्पर्य है यह परमाणु क्रमांक से किस प्रकार भिन्न है ?
  5.  एक ट्रांजिस्टर की उत्सर्जक धारा (ie) संग्रहक धारा (ie) एवं आधार धारा (ib) होने पर
  6.  एक समान विद्युत वाहक बल ( E1 = E2 ) तथा आंतरिक प्रतिरोध ( r1 = r2 ) की दो आदर्श बैटरी समांतर क्रम में जोड़ी गई है इनका तुल्य विद्युत वाहक बल E तथा आंतरिक प्रतिरोध r है ।
  7. वायु के सापेक्ष किसी द्रव की अपवर्तनांक का वायु में प्रकाश की चाल तथा द्रव में प्रकाश की चाल से संबंधित व्यंजक लिखिए।जब में स्थित किसी वस्तु की आभासी गहराई के सूत्र का निगमन कीजिए।
  8. परावर्ती दूरदर्शी का किरण आरेख कीजिए। इसकी क्रिया विधि स्पष्ट कीजिए तथा इसकी तुलना अपवर्ती दूरदर्शी से कीजिए।

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