मैं कब कहता हूँ जग मेरे दुर्धर गति के अनुकूल बने, मैं कब कहता हूँ जीवन-मरु नन्दन-कानन का फूल बने ?

दिये गये पढ्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

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