Class 12 Chemistry Chapter 4 Notes in Hindi Download PDF
Class 12 Chemistry Chapter 4 Notes NCERT Based in Hindi
( D एवं F ब्लॉक के तत्व )
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D- ब्लॉक के तत्व परिवर्तनीय संयोजकता क्यों दर्शाते हैं ?
D- ब्लॉक के तत्व परिवर्तनीय ऑक्सीकरण अवस्था क्यों दर्शाते हैं ?
संक्रमण तत्व परिवर्तनीय संयोजकता तथा ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं क्योंकि संक्रमण तत्वों के दोनों इफको चौक के इलेक्ट्रॉन रासायनिक आबंध के निर्माण में भाग लेते हैं except ( Zn,Cd)
संक्रमण तत्व का ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करने का कारण ns , (n-1)d उपकोष के ऊर्जा स्तर के अन्तर का अति निकट होना है जिससे आंतरिक कोश के इलेक्ट्रान भी q आसानी से निकल जाते हैं और आसानी से ऑक्सीकरण संख्या बढ़ाते हैं।
D- ब्लॉक के तत्व रंगीन आयन या रंगीन यौगिक का निर्माण करते हैं क्यों ?
संक्रमण धातु के अधिकांश योगिक ठोस अवस्था या जलीय विलयन में रंगीन होते हैं।
कारण –
वे आयन या यौगिक जिनमें धातु के (n – 1 )d उपकोष अपूर्ण होते हैं अर्थात जिनमें युग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं वे इलेक्ट्रॉन के d – d संक्रमण के कारण रंगीन आयन एवं रंगीन यौगिक का निर्माण करते हैं।
D- ब्लॉक के तत्व संकुल यौगिक का निर्माण करते हैं क्यों?
संक्रमण धातु में संकुल यौगिक का निर्माण करती है
कारण –
संक्रमण धातु की आयन छोटे आकार आयुग्मित इलेक्ट्रानो की उपलब्धता एवं परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करने की कारण संकुल यौगिक का निर्माण करते हैं।
D- ब्लॉक के तत्व अधिकांश मिश्र धातुओं का निर्माण करती हैं क्यों?
संक्रमण धातु प्रायः मिश्र धातु बनाने का गुण रखती है
कारण –
संक्रमण धातु के परमाण्विक आकार लगभग समान होते हैं अतः यह तत्व धातु के क्रिस्टल जालक के अंतराकाश में दूसरी तत्वों का प्रतिस्थापन कर आसानी से स्थान ग्रहण कर लेते हैं तो इस प्रकार निर्मित योगिक अंतराकाशी योगिक कहलाते हैं।
Class 12 Chemistry Chapter 4 Notes in Hindi
अंतराकाशी योगिक का निर्माण –
संक्रमण धातु के क्रिस्टल जालक के अंतराकाशी में जब छोटे-छोटे अधातु परमाणु जैसे – H,B,N,C आदि स्थान ग्रहण कर लेते हैं तो इस प्रकार निर्मित यौगिकों को अंतराकाशी योगिक कहते हैं।
Ex – NiH2 , CoH2 ,TiH2
D- ब्लॉक के तत्व उत्प्रेरक गुण दर्शाते हैं क्यों ?
संक्रमण तत्व एवं उनकी योगिक उत्प्रेरक गुण दर्शाते हैं
क्योंकि संक्रमण तत्व एवं उनके यौगिकों की उत्प्रेरक सक्रियता रिक्त d – उपकोष की उपलब्धता परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करने के कारण होती है।
F – ब्लॉक के तत्व किन्हें कहते हैं परिभाषा दीजिए।
वे तत्व जिनमें अंतिम इलेक्ट्रॉन (n – 2 ) उपकोष में प्रवेश करता है F- ब्लॉक के तत्व कहलाते हैं।
लैंथेनाइड संकुचन क्या है ? इसके प्रभावों का वर्णन कीजिए।
लैंथेनाइड संकुचन का क्या कारण है ?
4f श्रेणी या लैंथेनाइड तत्वों में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु क्रमांक में वृद्धि के साथ परमाण्विक त्रिज्या अथवा आयनिक त्रिज्या में होने वाली निरंतर कमी लैंथेनाइड संकुचन अथवा लैंथेनाइड आकुंचन कहलाती है।
कारण –
इसका कारण 4f इलेक्ट्रॉनों का दुर्बल परिरक्षण प्रभाव होता है।
परमाणु क्रमांक में वृद्धि के साथ-साथ प्रभावी नाभिकीय आवेश में होने वाली वृद्धि इलेक्ट्रॉनों के दुर्बल परिरक्षण प्रभाव की तुलना में अधिक प्रभावी होता है इस कारण इनका परमाणु अथवा अयनिक आकार घटता है।
लैंथेनाइड संकुचन के प्रभाव –
लैंथेनाइड संकुचन के कारण लैंथेनाइड श्रेणी में बाएं से दाएं जाने पर विद्युत् ऋणात्मकता एवं मानक ऑक्सीकरण विभव का मान कुछ कम हो जाता है।
इस संकुचन के कारण लैंथेनाइड तत्वों के रासायनिक गुण लगभग समान होते हैं।
लैंथेनाइड संकुचन के कारण रासायनिक गुणों में समानता होती है अतः इन्हें शुद्ध अवस्था में पृथक करना कठिन होता है इसलिए इन्हें आयन विनिमय विधि द्वारा पृथक किया जाता है।
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