BHDC -112 Question Paper June 2025 | IGNOU BHDC 112: हिन्दी निबंध और अन्य गद्य विधाएँ Question Paper 2025

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बी. ए. (ऑनर्स) (हिन्दी)

(बी.ए.एच.डी.एच.)

सत्रांत परीक्षा जून, 2025

बी.एच.डी.सी-112: हिन्दी निबंध और अन्य गद्य विधाएँ

समय : 3 घण्टे अधिकतम अंक : 100

नोट : कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। पहला प्रश्न अनिवार्य है।

1. निम्नलिखित गद्योंशों में से किन्हीं तीन की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

(क) “मजदूरी करना जीवन यात्रा का आध्यात्मिक नियम है। जोन ऑव आर्क की फकीरी और भेड़े चराना, टाल्सटाय का त्याग आर जूते

गाँठना, उमर खैयाम का प्रसन्नतापूर्वक तंबू सीते फिरना, खलीफा उमर का अपने रंग महलों में चटाई आदि बुनना, ब्रह्मज्ञानी कबीर और

रैदास का शूद्र होना, गुरु नानक और भगवान श्रीकृष्ण का मूक पशुओं को लाठी लेकर हाँकना-सच्ची फकीरी का अनमोल भूषण है।

(ख) राजा हरिश्चन्द्र ने अपनी रानी शैव्या से अपने ही मृत पुत्र के कफन का टुकड़ा फड़वा नियम का अद्भुत पालन किया था। पर यह समझ

रखना चाहिए कि यदि शैव्या के स्थान पर कोई दूसरी स्त्री होती तो राजा हरिश्चन्द्र के उस नियम पालन का उतना महत्व न दिखाई पड़ता,

करुणा का विषय दूसरे का दुःख है, अपना दुख नहीं। आत्मीय जनों का दुख एक प्रकार से अपना ही दुःख है। इससे राजा हरिश्चंद्र के नियम

पालन का जितना स्वार्थ से विरोध था उतना करुणा से नहीं।

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(ग) मन फिर घूम गया कौशल्या की ओर, लाखों-करोड़ों कौशल्याओं की ओर लाखों, करोड़ों कौशल्याओं के द्वारा मुखरित एक अनाम-

अरूप कौशल्या की ओर इन सबके रामवन में निर्वासित हैं। पर क्या बात है कि मुकुट अभी उनके माथे पर बँधा है और उसी के भीगने की

इतनी चिंता है

(घ) ‘प्रसाद’ जो अपनी जवानी कुश्ती भोल लड़ चुके थे। उनका कसरती शरीर बड़ा गठीला था। उन्होंने मल्ल विद्या का भी अध्ययन किया

था। पहलवानों के अजीब किस्से तो सुनाते ही थे दाँव-पेच के बहुतेरे नाम भी उन्हें याद थे। कई व्यापार क्षेत्रों के दलालों की बोली में कैसे-कैसे

विचित्र अर्थबोधक शब्द हैं और उनका रूप कितनी सावधानी से गढ़ा गया है, यह भी बतलाते थे। सुनारों और मल्लाहों की बोली के रहस्य

भी वे जानते थे। खेद है कि उस समय उनकी बातचीत का महत्व ध्यान में नहीं आया।

2. ‘मजदूरी और प्रेम’ निबंध की संरचना शिल्प को स्पष्ट कीजिए।

3. ‘करुणा’ निबंध के शीर्षक पर प्रकाश डालते हुए निबंध का प्रतिपाद्य लिखिए।

4. ‘करुणा’ निबंध का सार लिखिए।

5. ललित निबंध के स्वरूप पर टिप्पणी लिखिए।

6. प्रसाद जी किस प्रकार स्वजातीय गुणों से युक्त थे ? स्पष्ट कीजिए। 

7. रजिया के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।

8. ‘महाकवि जयशंकर प्रसाद’ पाठ के आधार पर साहित्य में संस्मरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।

9. ‘रजिया’ रेखाचित्र की प्रासंगिकता लिखिए।

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