भाषा की साधारण इकाई शब्द है, शब्द के अभाव में भाषा का अस्तित्व ही दुरूह है। यदि भाषा में विकसनशीलता शुरू होती है तो शब्दों के स्तर पर ही। दैनन्दिन सामाजिक व्यवहारों में हम कई ऐसे नवीन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जो अंग्रेजी, अरबी, फारसी आदि विदेशी भाषाओं से उधार लिये गए हैं। वैसे ही नये शब्दों का गठन भी अनजाने, में अनायास ही होता है। ये शब्द अर्थात् उन विदेशी भाषाओं से सीधे अविकृत ढङ्ग से उधार लिये गए शब्द भले ही कामचलाऊ ढंग से प्रयुक्त हों, साहित्यिक दायरे में कदापि ग्रहणीय नहीं ।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
उत्तर – पाठ का नाम – भाषा और आधुनिकता
लेखक – प्रो० जी० सुंदर रेड्डी
(ii) रेखाङ्कित अंश की व्याख्या कीजिए।’
हम अपनी दैनिक जीवन में सामाजिक व्यवहारों में हम कहीं ऐसे नए शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जो अंग्रेजी अरबी फारसी आदि विदेशी भाषाओं से उधार लिए गए हैं इसी प्रकार ही नए शब्दों का गठन अनजाने में हो जाता है।
(iii) भाषा की साधारण इकाई क्या है?
भाषा की साधारण इकाई शब्द है।
(iv) दैनिक व्यवहार में हम किन शब्दों का प्रयोग करते हैं?
हम अपने दैनिक जीवन में अंग्रेजी अरबी फारसी आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं।
(v) ‘दैनन्दिन’ और ‘अविकृत’ शब्द का अर्थ लिखिए ।
‘दैनन्दिन’ – दैनिक जीवन और अविकृत – बिना बिगड़े हुए।
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