UP Board Class 10th Social Science Important Questions 2024 : Social Science Geography Chapter 1 Important Questions in Hindi 10th Social Science Important Objective Questions Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Important Questions. Download PDF Class 10 Social Science Important Questions
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कक्षा-10 सामाजिक विज्ञान
अध्याय – 1 ( भूगोल )
संसाधन एवं विकास
संसाधन – पर्यावरण में उपलब्ध वह प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकता की पूर्ति करने में सक्षम है और जिसे बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है तथा जो आर्थिक रूप से संभाव्य और सांस्कृतिक रूप से मानव संसाधन कहलाती है ।
संसाधन के प्रकार-
- उत्पत्ति के आधार पर
- समाप्यता के आधार पर
- स्वामित्व के आधार पर
- भू संसाधन के आधार पर
उत्पत्ति के आधार पर –
उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है ।
1. जैव संसाधन –
इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमें जीवन व्याप्त होता है जैसे मनुष्य पशुधन एवं जीव आदि
2. अजैव संसाधन –
वे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बनते हैं अजय संसाधन कहलाते हैं जैसे मृदा ,धातु आदि ।
समाप्यता के आधार पर –
इसके आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है।
1.नवीकरणीय संसाधन –
वे संसाधन जिन्हें भौतिक रासायनिक गया यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवी कृत या पुन्हा उत्पन्न किया जा सकता है जैसे सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा जला आदि
2.अनवीकरणीय संसाधन –
ये संसाधन लंबी भूवैज्ञानिक समय अवधि के माध्यम से बनते हैं यह संसाधन एक बार एक बार प्रयोग करने पर समाप्त हो जाते हैं जैसे खनिज एवं जीवाश्म ईंधन आदि
Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Important Questions
स्वामित्व के आधार पर –
इसके आधार पर संसाधनों को चार भागों में विभाजित किया गया है
1.व्यक्तिगत संसाधन –
वे संसाधन जो निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में होते हैं व्यक्तिगत संसाधन कहलाते हैं जैसे बागान, चारागाह भूमि
2.सामुदायिक संसाधन –
वे संसाधन जिनका स्वामित्व समुदाय की सभी सदस्यों के पास होता है सामुदायिक संसाधन कहलाते हैं जैसे शमशान भूमि खेल का मैदान आदि
3.राष्ट्रीय संसाधन –
तकनीकी स्तर पर देश में पाए जाने वाले संपूर्ण संसाधन राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं जैसे खनिज संसाधन, जंगल आदि
4. अंतर्राष्ट्रीय संसाधन –
इन संसाधनों पर संचालन एवं स्वामित्व का अधिकार अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के पास होता है जैसे तटरेखा से 200 किलोमीटर दूर के बाद खुले महासागरीय संसाधन पर किसी देश का अधिकार नहीं होगा ऐसी संसाधन का उपयोग अंतरराष्ट्रीय आधिकारिक संस्थाओं की सहमति के बाद ही संभव होता है ।
सतत पोषणीय विकास –
सतत पोषणीय आर्थिक विकास से अभिप्राय ऐसे विकास से है जिससे पर्यावरण को क्षति न पहुंचे सतत पोषणीय विकास की सर्वप्रथम अवधारणा को जून 1992 में ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन में स्वीकृत किया गया था इस सम्मेलन में भूमंडलीय वन सिद्धांतों पर सहमति प्रदान की गई और 21वीं शताब्दी में सतत पोषणीय विकास के लक्ष्य के लिए एजेंडा 21 की स्वीकृति प्रदान की गई।
Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Important Questions
भारत में पाई जाने वाली प्रमुख मृदा का वर्गीकरण कीजिए तथा इसकी प्रमुख विशेषताएं लिखिए
मृदा संसाधन क्या है इसका वर्णन कीजिए ।
मृदा संसाधन – मृदा सबसे महत्वपूर्ण एक नवीकरणीय योग प्राकृतिक संसाधन है परंतु इसके कुछ सेंटीमीटर मोटी परत बनने के लिए लाखों वर्ष लग जाते हैं मृदा निर्माण के प्रमुख कारक उच्चावच, संस्तर सेल, जलवायु ,वनस्पति अन्य पदार्थ और समय है तापमान परिवर्तन बहते जल की क्रिया पवन हिमनद और अब घटन क्रियाएं आदि मृदा बनाने की प्रक्रिया में योगदान देते हैं मृदा जैव और अजैव दोनों से मिलकर बनती है
मिट्टी का वर्गीकरण –
रासायनिक और भौतिक गुणों जैसे रंग बनावट मोटाई आदि के आधार पर भारत में मृदा को निमित्त वर्गों में बांटा जा सकता है –
जलोढ़ मृदा –
भारत में जलोढ़ मृदा विस्तृत रूप से फैली हुई है इस मृदा का निर्माण हिमालय की तीन महत्वपूर्ण नदी तंत्र सिंधु गंगा और ब्रह्मपुत्र द्वारा लाए गए निश्चित से होता है यह मृदा भारत के संपूर्ण क्षेत्र के 45 परसेंट भाग पर विस्तृत है जलोढ़ मृदा में उर्वरक क्षमता अधिक होती है ।
जलोढ़ मृदा की प्रमुख विशेषताएं –
- यह मृदा उत्तरी मैदान के अतिरिक्त सिंधु गंगा ब्रह्मपुत्र नदियों के द्वारा राजस्थान में गुजरात तक फैली है
- इस मृदा में रेड शिल्ड और चिकनी मिट्टी के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं यह मृदा पोटाश फास्फोरस और चूना युक्त होती है जो गन्ना चावल , गेहूं और अन्य अनाजों के लिए उपयुक्त होती है
- आयु के आधार पर जलोढ़ मृदा बांगर और खादर दो प्रकार की होती है
- सूखे क्षेत्रों की मृदा अधिक क्षारीय होती हैं इन मडगांव का सही उपचार और सिंचाई करके इनकी गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है
Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Important Questions
काली मृदा –
इस मृदा को रे गोरिया काली कपास मुर्दा भी कहा जाता है यह भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 45 परसेंट भाग पर विस्तृत है
काली मृदा की प्रमुख विशेषताएं –
महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार के अतिरिक्त दक्षिण पूर्वी दिशा में गोदावरी एवं कृष्णा नदी की घाटियों तक पाई जाती है
इस मृदा में कैल्शियम कार्बोनेट मैग्नीशियम पोटाश और चूने जैसे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं
इस मृदा में गर्म और शुष्क मौसम में दरारे पड़ जाती हैं जिससे इसमें अच्छी तरह से वायु का मिश्रण हो जाता है गीली होने पर यह मृदा चिपचिपी हो जाती है
लाल और पीली मृदा –
इस मृदा का रंग लाल होता है यह भारत की कुल भौगोलिक क्षेत्र के 10% भाग पर विस्तृत है इस मृदा का लाल रंग दक्कन पठार की कम वर्षा वाले क्षेत्रों में लोहे की करो का अग्नि और रूपांतरित चट्टान में फैली के कारण होता है यह मुद्दा जलयोजन के कारण पीली हो जाती है यह तमिलनाडु, उड़ीसा, छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र ,आंध्र प्रदेश में पाई जाती है।
Class 10 Social Science Geography Important Questions
लैटेराइट मृदा –
लैटेराइट ग्रीक शब्द लेटर से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है लैटेराइट मृदा उच्च तापमान और अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विकसित होती है लेटराइट मृदा के निर्माण में निक्षालन प्रक्रिया की प्रमुख भूमिका होती है
लैटेराइट मृदा की विशेषताएं –
- इसमें ह्यूमस की मात्रा कम होती है
- यह मृदा कर्नाटक केरल तमिलनाडु मध्य प्रदेश उड़ीसा और असम की पहाड़ियों में पाई जाती है
- इसमें अधिक खाद्य एवं रासायनिक उर्वरक डालकर खेती की जा सकती है
मरुस्थलीय मृदा –
यह मृदा के कुल भौगोलिक क्षेत्र के चार परसेंट भाग पर विस्तृत है कुछ क्षेत्रों में नमक की मात्रा इतनी अधिक है कि जिलों से वाष्पीकरण करके नमक बनाया जाता है
मरुस्थलीय मृदा की प्रमुख विशेषताएं –
- इस मृदा का रंग लाल और भूरा होता है ।
- और यह रेतीली और लव लिए होती है
- इस मृदा में ह्यूमन और नमी की मात्रा कम पाई जाती है
- इस मृदा की सतह के नीचे कैल्शियम की मात्रा बढ़ती चली जाती है और निम्न पदों में चुने की कंकर की तरह सतह पाई जाती है ।
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वन्य एवं पहाड़ी मृदा –
बनिए मृदा भारत की कुल 8 परसेंट भौगोलिक क्षेत्र पर विस्तृत है यह मृदा नदी घाटियों में स्वीट दार एवं दोमट होती है हिमालय के हिम्मत छातीत क्षेत्रों में इस मृदा का भारी अपरदन होता है और यह मृदा अम्लीय होती है यह मृदा मसाले, चाय,कॉफी एवं उष्णकटिबंधीय फसलों के उत्पादन के लिए उपयोगी होती है यह जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश में पाई जाती है ।
लवणीय मृदा –
ऐसी मृदा को ऊसर मृदा कहते हैं लवणीय मृदा में सोडियम पोटेशियम और मैग्नीशियम का अनुपात अधिक होता है इसका प्रसार पश्चिमी गुजरात पूर्वी तट के डाटा में पाई जाती है यह खेती के लिए अनुपयुक्त होती है।
Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Important Questions
अति लघु उत्तरीय प्रश्न –
सामान्य रूप से संसाधन के वर्गीकरण का क्या आधार होता है ?
संसाधनों कुंड की उत्पत्ति विकास संभाव्यता एवं उपलब्धि के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
संसाधनों की अत्यधिक दोहन से उत्पन्न होने वाली समस्याएं बताइए?
संसाधन के अत्यधिक दोहन से वैश्विक तापमान ओजोन परत से पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं ।
वर्ष 1992 का पृथ्वी सम्मेलन क्यों हुआ ?
विश्व स्तर पर भर्ती पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक एवं आर्थिक विकास की समस्याएं का हल ढूंढने के लिए यह सम्मेलन हुआ ।
किसी राष्ट्र की भूमि उपयोग प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले दो कारक ओं का नाम लिखिए
भू आकृति और जनसंख्या घनत्व किसी देश के भूमि उपयोग प्रतिरूप को प्रभावित करते हैं।
किन्हीं दो राज्यों के नाम बताइए जिनके शुद्ध बोए गए क्षेत्रों का प्रतिशत अधिक है
पंजाब और हरियाणा का शुद्ध बोया गया क्षेत्र का प्रतिशत अधिक है
शुद्ध बोया गया क्षेत्र क्या है भारत में शुद्ध बोया गया क्षेत्र के अधीन कुल क्षेत्र का प्रतिशत कितना है?
वर्ष में एक बार बोया गया क्षेत्र शुद्ध बोया गया क्षेत्र कहलाता है वर्ष 2008-09 में शुद्ध बोया गया क्षेत्र के अंतर्गत भारत का 46% क्षेत्र था
किन्ही दो राज्यों के नाम लिखिए जहां अति पशु चारण के कारण काफी भूमि निम्नीकरण हो गई है
Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Important Questions
हरियाणा और पंजाब में अति पशु चारण के कारण काफी भूमि निम्नीकरण हो गई है
पवन अपरदन क्या है ?
पवन द्वारा डालू क्षेत्र या मैदान टीम अदाओं को उड़ा कर ले जाने की प्रक्रिया पवन अपरदन कहलाती है
पट्टी कृषि से आप क्या समझते हैं ?
पट्टी कृषि पवनों द्वारा जनित बल को कमजोर करने के लिए की जाती है इसके अंतर्गत बड़े खेतों को पत्तियों में बांटा जाता है फसलों के बीच में विभिन्न प्रकार की फसलों की पट्टियां उगाई जाती हैं।
रक्षक मेखला क्या है ?
मृदा अपरदन से बचाव के लिए फसलों के बीच में पेड़ों को पंक्ति में लगाना रक्षक मेखला कहलाता है।
चादर अपरदन से क्या आशय है ?
जब नीचे की ओर से बचाव के लिए फसलों के बीच प्रभावित जल द्वारा एक बड़े क्षेत्र से ऊपरी मृदा खुलकर जल के साथ बह जाती है तो उसे चादर अपरदन कहते हैं।
अवनालिका अपरदन क्या है ?
जब बिना वनस्पति की भूमि पर बहता जल गहरी वाहिकाएं बनाता है तो अवनालिका अपरदन होता है यह भूमि कृषि योग्य नहीं रहती है
Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Important Questions
बहुविकल्पीय प्रश्न –
सतत पोषणीय विकास की अवधारणा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन में कब अपनाई गई?
सन 1992 ईस्वी में
भारत में किस प्राकृतिक शक्तियों से भूमि निम्नीकरण सबसे अधिक होता है?
जल
भारत में वन भूमि का प्रतिशत है?
21.4%
काली मृदा का निर्माण होता है?
ज्वालामुखी विस्फोट से
कौन सी मृदा चाय के लिए उपयुक्त है ?
पर्वतीय मृदा
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